इस पोस्ट को लिखने से पहले मैंने अभी थोड़ी देर पहले ही एक पोस्ट पढ़ा जो कुछ यूं है-
प्राइवेट एजुकेशन तो इंडस्ट्री बन चुकी है और सरकारी एजुकेशन कामचोरी का पर्याय तो कैसा टीचर्स डे दुनिया वालों?
ये बात कहीं न कहीं बहुत हद तक सही भी है क्योंकि आज हमारे यहाँ यह कहा जाता है कि कुछ नहीं हो रहा हो तो टीचर बन जाओ और इसके साथ एक लतीफा भी खूब चलता है कि आज के समय में लोगों को लूटने के लिए उनके घर डाका डालने की आवश्यकता नहीं है, आप एक प्राइवेट स्कूल भी खोल सकते है।
लेकिन अभी मैं जिनके बारे में लिखने जा रहा हूं उनको जानने के बाद आप अपनी सोच बदलने के लिए मजबूर हो जाएंगे। ये कहानी है संगम नगरी इलाहाबाद की झुग्गी झोपड़ियों में शिक्षा की अलख जलाने वाले अभिषेक की, जो दिखती तो फिल्मी है लेकिन है बिल्कुल वास्तविक।
एक सामान्य वर्ग के परिवार के बच्चे का जो सपना होता है वही सपना लेकर अभिषेक भी गांव से शहर आए लेकिन वहाँ पहुंचने पर उन्हें एक ऐसा उद्देश्य मिल गया जो उनको अपने सपने से कहीं ज्यादा मूल्यवान लगा।
अभिषेक सर् को शहर आये हुए कुछ ही दिन हुए थे कि एक दिन सड़क पर एक छोटी बच्ची हाथ में कटोरा लिए इनके पास आयी। इन्होंने कुछ सोचा फिर उस बच्ची के साथ उसके घर गए। उसका घर एक मलिन बस्ती में झोपड़ीनुमा था। बस्ती में जाने के बाद उन्होंने देखा कि उस जगह के सभी बच्चे पढ़ाई के अलावा सारे काम करते हैं। भिक्षा मांगना, मजदूरी करना, नशा करना।
तभी इन्होंने एक बदलाव लाने की ठानी और आज से करीब 4 साल पहले शुरुआत : एक ज्योति शिक्षा की शुरुआत की। एक अकेले से शुरू हुए इनके सफर में आज 20 से ज्यादा शिक्षक इनके साथ हैं और ये सभी मिलकर झुग्गी झोपड़ियों के 150 से ज्यादा बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि बच्चे भी अपनी सभी बुरी आदतें छोड़कर इनके साथ पढ़ाई में मेहनत कर रहे हैं। फुटपाथ एवं पार्क से शुरू हुई शुरुआत के पास आज खुद का एक स्कूल है जिसमें वे बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ कंप्यूटर भी सिखाते हैं। इनका प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा और सभी बच्चे शिक्षित बनें।
अभिषेक सर् ने अपनी संस्था की टैग लाइन भी यही बनाया है-
प्रत्येक बच्चे को दो शिक्षा
जिससे कोई न मांगे भिक्षा
शिक्षक दिवस के अवसर पर ऐसे महान शिक्षक को मेरा नमन एवं मेरी शुभकामनाएं हैं कि आप निरंतर ही अपने इस शुभ कार्य में आगे बढ़ते रहें।
इनके बारे में अधिक जानने के लिए ये वीडियो देखें।
https://www.facebook.com/563916727041150/posts/2910008809098585/?app=fbl
अगर आप इनके माध्यम से किसी बच्चे की शिक्षा में मदद करना चाहते हैं तो शुरुआत : एक ज्योति शिक्षा की के फेसबुक पेज से आप इनसे संपर्क कर सकते हैं।
2 Comments
वास्तव में ऐसे व्यक्तित्व समाज में अनुकरणीय हैं।
ReplyDeleteबिल्कुल मैम, आज हमें अपने समाज में ऐसे ही लोगों की अत्यंत आवश्यकता है
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