आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते,
लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं।
और यकीनन ये बदली हुई आदतें आपका भविष्य बदल देंगी। -डॉ कलाम
मिसाइल मैन डॉ कलाम ने बिल्कुल सही कहा है। हमारी आदतें ही हमारे भविष्य का निर्माण करती हैं, क्योंकि हमने जिस प्रकार की आदत बना ली है, ठीक उसी प्रकार हम अपने दैनिक कार्य करते हैं और हमारे ये कार्य ही भविष्य के मुख्य कारक होते हैं।
हम जिस किसी इंसान को भी बड़ा या सफल मानते हैं, अगर हम उनकी दिनचर्या को देखेंगे तो पाएंगे कि उन लोगों ने अपनी आदत ऐसी बनाई है कि वे वही काम करें जो उन्हें आगे ले जाने व सफलता की बुलंदियों पर टिके रहने में सहायक सिद्ध हो।
एक बहुत बड़ी कम्पनी के सीईओ जिन्होंने कम्पनी के एक कर्मचारी के पद से अपने काम की शुरुआत की थी, से एक बार उनके एक मित्र इन्होंने भी साथ में काम करना शुरू किया था परंतु ये आज भी वहीं हैं जहां पहले दिन थे, ने पूछा कि, जब मैंने और तुमने एक साथ एक ही जगह से अपने काम की शुरुआत की थी फिर क्या वजह है कि तुम यहाँ तक पहुंच गए और मैं अभी वहीं हूं? तो उस व्यक्ति ने बहुत अच्छा जवाब दिया कि, "हम लोगों ने भले ही एक साथ काम करना शुरू किया था लेकिन हमारी आदतों में बहुत फर्क है इसीलिए तुम अभी भी वहीं हो और मैं यहाँ।"
उस व्यक्ति ने आगे कहा, ऑफिस में थोड़ा सा भी खाली समय मिलते ही जहां तुम दोस्तों से गप्पे लड़ाना शुरू कर देते हो, वहीं मैं अपने काम के बारे में और क्या बेहतर हो सकता है ये सोचने और करने का प्रयास करता हूं। तुम अपनी छुट्टियां घूमने और सोने में व्यतीत करते हो, वहीं मैं किताबें पढ़कर अपनी जानकारी बढ़ाने का प्रयास करता हूं। जब हमारे बॉस हमको कुछ सुधार करने को कहते थे तो मैं ध्यान से उनकी बात सुनता और इस बात का प्रयास करता कि आगे से कोई गलती न हो, वहीं तुम उसके ऊपर हो गुस्सा होते और सुधार करने के बजाय वही गलतियां दुहराते रहते। यही वजह है कि आज मैं सबका बॉस हूँ और तुम वहीं हो जहां से शुरू किया था।
सच! इन दोनों लोगों की आदतों में कितना अंतर है और यही आदत ही एक के बहुत आगे बढ़ जाने और एक के वहीं रह जाने की वजह है।
इसीलिए कहते हैं बहुत सावधानी से हमें अपनी आदतों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए।
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