न मोतियों के हार
न कजरे की धार
न कोई किया श्रृंगार
फिर भी तुम कितनी सुंदर हो
बचपन में मुझे रेडियो सुनने का बहुत शौक था और उसी समय ये गाना सुना था तब से अब तक यह मेरे सबसे पसंदीदा गानों में से एक है। इसी गाने में एक लाइन है- सादगी ही तुम्हारा गहना है।
यह सिर्फ एक लाइन नहीं है बल्कि एक सुखी जीवन के लिए आवश्यक जरूरी तत्वों में से एक है। यह सत्य है कि हमारे जीवन में सरलता एवं सादगी का होना आवश्यक है और अगर आप एक शिक्षक हैं तब तो आपके लिए यह परमावश्यक है, क्योंकि एक शिक्षक के शब्दों से ज्यादा बच्चे उनके आचरण से सीखते हैं।
आज मैं जिसके बारे में लिख रहा हूं उनमें ये गुण कूट कूट कर भरा है, उन्होंने बहुत सारे सराहनीय कार्य किए हैं पर उनमें अहमं लेश मात्र भी नहीं है। कुछ दिन पहले जब मैंने उनसे उनके बारे में लिखने के लिए पूछा तो उन्होंने उसी विनम्रता से मना कर दिया जैसे जब झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने महेंद्र सिंह धोनी का सम्मान करने की बात की तो उन्होंने मना कर दिया था (हालांकि JCA ने अपना कर्तव्य निभाते हुए उनके नाम पर रांची स्टेडियम का नामकरण किया और मैं भी ये लिखने की गुस्ताख़ी कर रहा हूं)।
मैं बात कर रहा हूं शुरुआत : एक ज्योति शिक्षा की नामक संस्था में शिक्षिका शालिनी की। शालिनी मैम शुरुआत के उन शुरुआती सदस्यों में से एक हैं जिन्होंने अभिषेक सर् के साथ मिलकर प्रयागराज की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने की शुरुआत की और आज भी पिछले 4 सालों से उनका यह सराहनीय कार्य जारी है।
आज जब सभी एक अदद नौकरी की तलाश में 10 बाई 12 के घुटन भरे कमरे में जिंदगी काट रहे हैं तो उन्हीं कमरों के आगे किसी हाइवे के नीचे या फिर किसी पार्क में शालिनी मैम आपको उन हाथों में कलम पकड़ाते हुए दिख जाएंगी जिन हाथों में कभी कबाड़ की बोरियां और नशे की पुड़िया होती थी। और वे बच्चे जो एक दूसरे को गालियां बकते हुए दिखते थे, आज आपको वर्णमाला पढ़ते हुए या फिर तितली रानी तितली रानी जैसी प्यारी कविता गुनगुनाते हुए या फिर दो दूना चार रटते हुए दिख जाएंगे। और सिर्फ वही नहीं बल्कि उन बच्चों के घर के जो बड़े बुजुर्ग साक्षर होना चाहते हैं, उनको भी शिक्षा मिलती है यहां।
अगर आप संगमनगरी में हैं और आपको कोई ऐसा बच्चा दिखता है जिसके हाथ में कॉपी किताबों से भरा बैग होना चाहिए किंतु किन्हीं कारणवश है नहीं तो आप उस बच्चे को शालिनी मैम या फिर इनकी संस्था शुरुआत : एक ज्योति शिक्षा तक जरूर पहुंचाए और यकीन मानिए उस बच्चे से जब आप दुबारा मिलेंगे तो वो आपको सोहन लाल द्विवेदी जी की कविता हुआ सवेरा उठो उठो या फिर किसी नागार्जुन या बाल कवि बैरागी की कोई प्यारी सी दिल को छू जाने वाली कविता गुनगुनाता हुआ मिलेगा।
शालिनी मैम बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं देती बल्कि अपनी संस्था के साथ मिलकर विभिन्न सामाजिक कार्यों के जरिए उनके सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत करती हैं। जैसे ये समय-समय परअपनी संस्था में पढ़ने वाली बच्चियों एवं उनके परिवार की महिलाओं को मासिक धर्म एवं उससे सम्बन्धित बीमारियों तथा उनसे बचाव हेतु सेनेटरी नैपकिन के उपयोग के बारे में जागरूक करती हैं।
इनके विशाल हृदय की झलक उस समय देखने को मिली जब कोरोना महामारी की वजह से हुई बंदी की वजह से बस्ती में रहने वाले परिवारों को रोजी रोटी का संकट आन पड़ा। उस विकट परिस्थिति में इन्होंने अपनी संस्था के साथ मिलकर लगभग 50 परिवारों को 3 महीने तक खाद्यान्न सामग्री मुहैया कराई।
अगर आप किसी एक क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करते हैं तो दूसरे क्षेत्रों में आपकी उत्कृष्टता अपने आप बढ़ने लगती है और आप धीरे-धीरे अंतर्मुखी से बहिर्मुखी प्रतिभा के धनी होते जाते हैं। शालिनी मैम इस बात की प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
ये सिर्फ पढ़ाती या सामाजिक कार्य ही नहीं करती बल्कि कविताएं एवं लेख भी बहुत बेहतरीन लिखतीं हैं जोकि समय समय पर विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं। यहां पढ़िए उनकी एक कविता-
असफलताएं आएगी
असफलताएं आएगी पर
जिंदगी खत्म थोड़ी हो जाएगी।
गिरेंगे, संभलेंगे, लड़खड़ाएंगे,
पर हम अंततः सम्भल ही जायेंगे।
टकराएंगे फिर से तूफानों से,
मुश्किलों को फिर हम हराएंगे,
आखिर में हिम्मत से हम जीत जाएंगे।
असफलताएं आएगी पर जिंदगी खत्म थोड़ी हो जाएगी।
जैसे सूर्य चमकता रोशनी लिए,
रात महकती तारों से।
कल भी आएगा सुनहरा,
इंद्रधनुषी रंगों सा गहरा।
असफलताएं आएगी पर जिंदगी खत्म थोड़ी हो जाएगी।
टूटा हुआ पैर लेकर चींटा
घिस घिस कर भी दीवारों पर चढ़ जाता है
फिर क्यों तू हे मानव तनिक संकट से घबरा जाता है।
लग कर फिर से मेहनत से हर तूफान हराएंगे
मेहनत से अपनी हम पहचान बनाएंगे।
असफलताएं आएगी पर जिंदगी खत्म थोड़ी हो जाएगी।
शिक्षक दिवस के अवसर पर बहुमुखी प्रतिभा की धनी ऐसी महान शिक्षिका को मेरा नमन🙏🙏
मेरी शुभकामनाएं हैं कि आप यूं ही अपने कार्यों के जरिए हम सबके प्रेरणास्त्रोत बने रहिये।
शुरुआत : एक ज्योति शिक्षा की के संस्थापक अभिषेक सर् के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर जाएं
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